सुनने वाला यहाँ कोई नहीं...
सुनने वाला यहाँ कोई नहीं, सुनाने वालों का शोर बहुत है | दवा देने वाला यहाँ कोई नहीं, मर्ज़ बताने वालों की भीड़ बहुत है | कही गई बात यहाँ समझता नहीं कोई, दिल के मसले सुलझाने वालों की भीड़ बहुत है | फिर भी दिल की बात समझता नहीं कोई, मन की बात सुनाने वालों का शोर बहुत है | काश, कोई रुक कर ठहर जाए यहाँ, कुछ अपनी कहे, कुछ मेरी सुने, अपनी अपनी कह कर निकल जाने वालों की भीड़ बहुत है | खट्टी - मीठी हों, तो अच्छी लगती हैं, दिल को ठेस पहुंचाने वाली बातों की पीड़ बहुत है | सुनने वाला यहाँ कोई नहीं, सुनाने वालों का शोर बहुत है | -Shipra Anadi Dev Kaushik