Messages, Shayari
जिंदगी तू अभी बाकी है,
जब तक पाया नहीं मंज़र,
तू बाकी सही,
मैं बाग़ी सही। ...
दुनिया में ऐसा कोई नशा नहीं,
जिसे जीने के लिए उसे पीना ही पड़े.......
मेरी ख्वाईशों को पहचान सको,
इतनी तुम्हारी पहुँच नहीं,
वरना जरूरतें तो पहले भी पूरी हो ही रही थीं...
किस्मत तो बस दो पल की होती है,
उस पल को जीना ही ज़िन्दगी है...
जीवन और मृत्यु सब निश्चित है,
सब जान कर भी ख़ुशी-ख़ुशी कर्म करते हुए जीना
ही असली ज़िन्दगी है |
दुनिया के डर से नहीं,
अपनों के दर्द से डरता हूँ मैं,
खुद से तो लड़ता ही हूँ,
अपनों के लिए खुदा से भी लड़ता हूँ मैं..
हर सुबह एक नया सफर चुनता हूँ
और हर रात एक नया सपना बुनता हूँ|
सुबह से शाम तक के सफ़र में,
अनेकों फासले तय करता हूँ मैं,
खुद से तो लड़ता ही हूँ,
अपनों के लिए खुदा से भी लड़ता हूँ मैं..
दुःख भी था, दर्द भी था,
वो तो कभी से था,
आज सोचा तुम्हे दर्द दिखा,
तो हल्का सा उसका एक पहलू बयां कर दिया,
शायद यही आज गलत कर दिया।
- शिप्रा अनादि देव कौशिक
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